नराकास परिचय
नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, संक्षेप में जिसे ‘नराकास’ के नाम से भी जाना जाता है, भारत सरकार, गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग द्वारा केंद्रीय सरकार के देश भर में फैले कार्यालयों/उपक्रमों/बैंकों आदि में राजभाषा के प्रयोग को बढ़ावा देने तथा राजभाषा नीति के कार्यान्वयन में आ रही कठिनाइयों को दूर करने के उद्देश्य से गठित किया गया एक संयुक्त मंच है।
बैंक ऑफ बड़ौदा, अयोध्या क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रमुख श्री शशिकांत सिंह चौहान की अध्यक्षता एवं सदस्य सचिव श्रीमती सुधा मिश्रा व अन्य सदस्यों की उपस्थिति में समिति की पहली बैठक दिनांक 17.08.2015 को संपन्न हुई । वर्तमान में समिति अध्यक्ष की ज़िम्मेदारी श्री अनिल कुमार झा एवं सदस्य सचिव की ज़िम्मेदारी श्री नीरज कुमार सिंह सँभाल रहे है ।
गठन
भारत सरकार, गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग के पत्रांक: क्षे.का.का/उनी(का)/198, दिनांक 20/04/2004 के द्वारा समिति गठन की अनुमति प्रदान की गई और अयोध्या में समिति के संयोजन का दायित्व बैंक ऑफ बड़ौदा, अयोध्या क्षेत्र को प्रदान दिया गया ।
उद्देश्य
केंद्रीय सरकार के देश भर में फैले हुए कार्यालयों/उपक्रमों/बैंकों आदि में राजभाषा के प्रगामी प्रयोग को बढावा देने और राजभाषा नीति के कार्यान्वयन के मार्ग में आई कठिनाईयों को दूर करने के लिए एक संयुक्त मंच की आवश्यकता महसूस की गई ताकि जहां मिल बैठकर सभी कार्यालय/उपक्रम/बैंक आदि चर्चा कर सकें। फलत: नगर राजभाषा कार्यान्वयन समितियों के गठन का निर्णय लिया गया। इन समितियों के गठन का प्रमुख उद्देश्य केंद्रीय सरकार के कार्यालयों/उपक्रमों/बैंकों आदि में राजभाषा नीति के कार्यान्वयन की समीक्षा करना, इसे बढावा देना और इसके मार्ग में आई कठिनाईयों को दूर करना है।
अध्यक्षता
इन समितियों की अध्यक्षता नगर विशेष में स्थित केंद्रीय सरकार के कार्यालयों/उपक्रमों/बैंकों आदि के वरिष्ठतम अधिकारियों में से किसी एक के द्वारा की जाती है। अध्यक्ष को राजभाषा विभाग द्वारा नामित किया जाता है। नामित किए जाने से पूर्व प्रस्तावित अध्यक्ष से समिति की अध्यक्षता के संबंध में लिखित सहमति प्राप्त की जाती है।
सदस्यता
नगर में स्थित केंद्रीय सरकार के कार्यालय/उपक्रम/बैंक आदि अनिवार्य रूप से इस समिति के सदस्य होते हैं। उनके वरिष्ठतम अधिकारियों (प्रशासनिक प्रधानों) से यह अपेक्षा की जाती है कि समिति की बैठकों में नियमित रूप से भाग लें।
सदस्य परिचय
समिति के सचिवालय के संचालन के लिए समिति के अध्यक्ष द्वारा अपने कार्यालय से अथवा किसी सदस्य कार्यालय से एक हिंदी विशेषज्ञ को उसकी सहमति से समिति का सदस्य सचिव मनोनीत किया जाता है। अध्यक्ष की अनुमति से समिति के कार्यकलाप सदस्य सचिव द्वारा किए जाते हैं।
बैठकें
इन समितियों की वर्ष में दो बैठकें आयोजित की जाती हैं। प्रत्येक समिति की बैठकें आयोजित करने के माहों के संबंध में भी सूचित किया जाता है और समिति से यह अपेक्ष की जाती है कि वह अपनी बैठकें निर्धारित माहों में ही करने का प्रयास करें।
प्रतिनिधित्व
इन समितियों की बैठकों में नगर विशेष में स्थित केंद्रीय सरकार के कार्यालयों/उपक्रमों/बैंकों आदि के प्रशासनिक प्रधान भाग लेते हैं। राजभाषा विभाग (मुख्यालय) एवं इसके क्षेत्रीय कार्यान्वयन कार्यालयों के अधिकारी भी इन बैठकों में राजभाषा विभाग का प्रतिनिधित्व करते हैं। नगर स्थित केंद्रीय सचिवालय हिंदी परिषद की शाखाओं में से किसी एक प्रतिनिधि एवं हिंदी शिक्षण योजना के किसी एक अधिकारी को भी बैठक में आमंत्रित किया जाता है।